द फॉलोअप डेस्क
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को आदिवासी और दलितों की हर चीज से तकलीफ है। फिर चाहे आदिवासी या दलित अच्छा खाना खा ले, अच्छी गाड़ी से चल ले या अगर सत्ता संभाल ले। उन्होंने कहा बीजेपी के नेता अपने बच्चों के विदेश में पढ़ाते हैं। वहीं हमारे बच्चों से अपनी जूठन उठवाना चाहते हैं। अगर कोई इनकार कर दे तो उसे देशद्रोही करार दिया जाता। उन्होंने बताया कि देश को आज़ादी का मतलब समझाने वाले आदिवासी पर देशद्रोह का मुकदमा कर दिया गया था, जिसमें गांव के गांव शामिल थे, बच्चे बूढ़े सब थे। इसके लिए बीजेपी ने माफी भी नहीं मांगी है।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा, ''
साथियों, आदिवासी/दलित/OBC/ग़रीब अगर अच्छा खाना खा ले तो भाजपा को तकलीफ़,
दिवासी/दलित अगर अच्छे गाड़ी से चल ले तो भाजपा को तकलीफ़,
आदिवासी/दलित जंगल/शोषण से से बाहर आ गया तो भाजपा को तकलीफ़
आदिवासी/दलित अगर साफ़ कपड़ा पहन ले तो भाजपा को तकलीफ़
आदिवासी/दलित अगर सत्ता सम्भाल ले तो भाजपा को तकलीफ़
आदिवासी/दलित अगर भाजपा के दल-बदलुओं - तानाशाहों के सामने झुके नहीं तो मनुवादी भाजपा को भारी तकलीफ़
आदिवासी/दलित को इंसान नहीं समझती है भाजपा और उसके साथी
अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाने वाले भाजपा नेता - हमारे बच्चों से अपनी जूठन उठवाना चाहते हैं - अगर कोई ना करे तो वो देशद्रोही
- खूंटी में 11 हज़ार आदिवासी - जी हां देश को आज़ादी का मतलब समझाने वाले आदिवासी पर देशद्रोह का मुकदमा कर दिया गया था, जिसमें गांव के गांव शामिल थे - बच्चे बूढ़े सब थे।
क्या आदिवासी कभी देशद्रोह कर सकते हैं?
भाजपा आदिवासियों/दलितों को देशद्रोही समझती है क्या ?
आज तक भाजपा ने इस कुकृत्य के लिए माफी क्यों नहीं मांगी?